नववर्ष नवसंवत्सर
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से
आरंभ होता है विक्रम संवत नव संवत्सर
कहलाता है यही सनातन हिन्दू नववर्ष
आओ मनाएं हम सब मिलकर
फैलाएं खूब हर्ष और उत्कर्ष,
सारे विश्व में खुशियां फैलाए
ऐसा है हम सबका प्यारा हिंदू नववर्ष।
मान्यता ऐसी ही
ब्रह्मा जी ने इसी दिवस से
सृष्टि रचना आरंभ किया था है
महाराज विक्रमादित्य जी ने
विक्रम संवत का आरंभ आज ही आरंभ किया
हेमाद्रि ब्रह्म पुराण का मत भी
ऐसा ही है बताया
जान लीजिए आप सब यह
अंग्रेजी कैलेंडर तो सत्तावन वर्ष बाद है आया
बाईस मार्च दो हजार तेईस को
जब यह नव संवत्सर आया
विक्रमी संवत का यह नववर्ष
दो हजार अस्सी कहाया
काल गणना के दो ही आधार
एक सौर चक्र दूजा चंद्र चक्रानुसार
सौर चक्रानुसार
पृथ्वी सूर्य की एक परिक्रमा कर पाए
तीन सौ पैसठ दिन छह घंटे का
कुल समय जब पूरा जाए
चंद्र चक्र की गणना वर्ष आधारित होता
तीन सौ चौवन दिन का एक वर्ष होता।
सनातनी हिंदू हो इस पर इठलाओ
नाचो गाओ खुशी खुशी मनाओ
हो नव संवत्सर नववर्ष मुवारक
सारी दुनिया को यह बतलाओ।