बहिष्कार
सनातन की मान्यताओं से जो खिलवाड़ करे,
होगा पूर्ण बहिष्कार, सब इस पर विचार करें।
न हिंसा प्रदर्शन होगा, न धरना घेराव की बातें,
बहिष्कार से ही हिन्दु विरोधियों का उपचार करें।
जो संसद भवन उद्घाटन का बहिष्कार कर रहे थे,
निज स्वार्थ संस्कारों का भी बहिष्कार कर रहे थे।
सदा सदा के लिए उनका त्याग जनता को करना होगा,
जो नकारात्मक सोच लिये संस्कृति बहिष्कार कर रहे थे।
भारत का मान बढ़ रहा दुनिया में, गौरवान्वित हैं,
विश्व पटल पर भारत का सम्मान, सम्मानित हैं।
चीन पाक के दलाल, भ्रष्टाचार पोषक कुछ दल,
दलदल में फँसे कुछ नेता, दुनिया मे अपमानित हैं।
तय समय पर उद्घाटन होगा, यह तो तय है,
सत्य- सनातन सदा विजयी, यह तो तय है।
वर्तमान के गुनाहों का फल, भविष्य में होगा,
पाप का नाश धर्म की जय, यह तो तय है।
आओ हम संकल्प करे, अहंकारियों का बहिष्कार करें,
जो सनातन पर आघात करे, हम उसका बहिष्कार करें।
आधुनिकता के नाम पर जो, सनातन से खिलवाड़ करे,
एक प्रतिज्ञा कर लें सब, हम उनका बहिष्कार करें।
राम प्रतीक मर्यादा के, धर्म की पहचान हैं,
सनातनी गौरव, राष्ट्रीय अस्मिता की शान हैं।
पुनः मन्दिर निर्माण, स्वाभिमान का प्रतीक है,
राम विरोधियों के विरूद्ध बहिष्कार अभियान है।
— डॉ अ. कीर्तिवर्द्धन