कहानी

होम मेकर

मंजू की शादी को 8 साल ही हुए तब उसके पति गुजर गए मानसी उसकी बेटी पांच साल की थी | मंजू के साथ उसके सास ,ससुर और देवर भी रहते थे  पति के गुजर जाने के बाद वो बहुत बहुत उदास और  परेशान भी रहने लगी| क्यों कि कमाने का जरिया केवल उसके पति ही थे अचानक उनके चले जाने के बाद वो अकेली सी पड़ गयी| यही सोचती रहती कि घर का गुजारा कैसे चलेगा उसका देवर रोहित भी छोटा अभी पढ़ाई ही कर रहा था उससे तो उम्मीद भी नहीं थी| वो जब से शादी करके आयी जब से ही उसने घर को बहुत अच्छी तरह से संभाला कभी घर में किसी चीज की कमी नहीं होने दी उसकी सास विमला हमेशा ही सबसे उसकी तारीफ ही करती थी और बोलती थी “कि मेरी बहु  अच्छी होम मेकर है लेकिन अब मंजू को बचपन से ड्रॉइंग करने बहुत शौक था| उसके चलते उसने पेंटिंग्स बनाना शुरू किया  लेकिन शादी होने के बाद उसका शौक थोड़ा कम हो गया| अब उसको महसूस हुआ कि क्यों न इस हुनर से मैं कुछ कमा सकती हूं  लेकिन कभी उसने इसके बारे में किसी नहीं बताया लेकिन अब खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था उसने अपनी सास से पूछा “माँ मैं बहुत अच्छी  पेंटिंग्स बनाती थी अगर आप चाहें तो मैं यह अभी बहु कर सकती हूँ जिससे घर का गुजारा अच्छे से चलने लगेगा अगर आप मेरा सहयोग करेंगी तो मैं यह काम शुरू कर लूं” सास बोली ” ठीक है बेटा मैं तेरे साथ हूँ तुम तो होम मेकर के साथ साथ तुम में यह हुनर भी है यह आज पता चला “मंजू ने घर में ही पेंटिंग्स बनाना शुरू कर दिया सब लोग उसकी मदद करने लगे| उसने एक मेले में प्रदर्शनी लगायी वहाँ लोगों को उसकी पेंटिंग्स बहुत पसंद किया और उसकी सब पेंटिंग्स बिक गयी आज वो बहुत खुश थी उसकी सास सबसे कहती कि मेरी बहु एक अच्छी होम मेकर के साथ साथ अच्छी आर्टिस्ट भी है|

इस तरह समय गुजरता गया उसकी पेंटिग्स बहुत प्रसिद्ध होने लगी और देश ,विदेश भी आर्डर उसके पास आने लगे| अब वो घर चलाने के साथ साथ बिजनिस भी करती है इस तरह उसके आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार हुआ और सब खुशी खुशी रहने लगे.

—  पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश