कविता

अच्छी शिक्षा करे कल्याण

संस्कारों के बिना है जो समाज

बड़े छोटों की जो करता नहीं लिहाज़

भूलता जा रहा अपने सब रीति रिवाज़

उसी को कहते हैं शिक्षा विहीन समाज

जो पढ़े लिखे होकर भी करते हैं अहंकार

बात बात पर लोगों का करते हैं तिरस्कार

रिश्तों की जिनको नहीं कोई परवाह

हर वक्त रहते हैं घमंड के घोड़े पर सवार

एक दूसरे को लगे रहते हैं गिराने में

बढाते नहीं हाथ किसी को उठाने में

उम्र लग जाती है सारी रिश्ते बनाने में

उन्हें तो शर्म आती है रिश्ते निभाने में

ऐसी शिक्षा पर क्यों करें हम गुमान

जो अच्छे बुरे में नहीं कराती पहचान

बड़ों और बुजुर्गों की नहीं सिखाती इज़्ज़त मान

अच्छी शिक्षा वही जो करती सबका कल्याण

— रवींद्र कुमार शर्मा

*रवींद्र कुमार शर्मा

घुमारवीं जिला बिलासपुर हि प्र