कविता

वो मजदूर

वो कभी भूखा नहीं रह सकता

जो मेहनत कर सकते हैं,

काम कर सकते हैं,

उन्हें होता ही है फायदा,

ये है प्राकृतिक कायदा,

मगर जो आलसी होते हैं

उनका भूखे रहना तय है,

एक एक क्षण उनके लिए

हो जाता कष्टकारी समय है,

मजदूरों ने इस बात को पढ़ा है,

दुनिया के हर कार्य को पसीने से गढ़ा है,

वो नेता, अधिकारी या

किसी ऑफिस में बैठा बाबू नहीं है,

तभी तो उनकी जिंदगी

मेहनतों से भरा जरूर रहता है

पर बेकाबू नहीं है,

चैन की नींद उसके हिस्से में होता है,

पैसे वाला और ज्यादा के लिए रोता है,

शोषण सहकर भी वो नहीं बनता शोषक,

वो एकमात्र नव निर्माण का है द्योतक।

— राजेन्द्र लाहिरी

राजेन्द्र लाहिरी

पामगढ़, जिला जांजगीर चाम्पा, छ. ग.495554