गीत/नवगीत

नर को भी, नारी प्यारी है।

नारी को नर प्राण से प्यारा, नर को भी, नारी प्यारी है।

एक सिक्के के दो हैं पहलू, एक नर और एक नारी है।।

बहन भाई का अटूट है बंधन।

पवित्र कितना? रिश्तों का चंदन।

शंकर, शक्ति के हैं सेवक,

शक्ति करे, शिवजी का वंदन।

नर-नारी ने मिलकर ही तो, रच दी दुनिया सारी है।

एक सिक्के के दो हैं पहलू, एक नर और एक नारी है।।

मात-पिता का जोड़ा होता।

जल ही जल में लगाता गोता।

कृषक फसल बाद में पाता,

पहले धरा में बीज है बोता।

जड़-चेतन के मिलने से ही, सृष्टि की रचना प्यारी है।

एक सिक्के के दो हैं पहलू, एक नर और एक नारी है।।

नर नारी का प्रेम का बंधन।

प्रकृति ने किया है संबन्धन।

मिलकर दोनों पूर्णकाय हैं,

नारी नर का करे प्रबंधन।

राष्ट्रप्रेमी को नहीं मुक्ति कामना, स्वर्ग में भी मारा-मारी है।

एक सिक्के के दो हैं पहलू, एक नर और एक नारी है।।

डॉ. संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी

जवाहर नवोदय विद्यालय, मुरादाबाद , में प्राचार्य के रूप में कार्यरत। दस पुस्तकें प्रकाशित। rashtrapremi.com, www.rashtrapremi.in मेरी ई-बुक चिंता छोड़ो-सुख से नाता जोड़ो शिक्षक बनें-जग गढ़ें(करियर केन्द्रित मार्गदर्शिका) आधुनिक संदर्भ में(निबन्ध संग्रह) पापा, मैं तुम्हारे पास आऊंगा प्रेरणा से पराजिता तक(कहानी संग्रह) सफ़लता का राज़ समय की एजेंसी दोहा सहस्रावली(1111 दोहे) बता देंगे जमाने को(काव्य संग्रह) मौत से जिजीविषा तक(काव्य संग्रह) समर्पण(काव्य संग्रह)