भारतीय वन सर्वेक्षण के मुताबिक उत्तराखंड में 71 फीसदी जगह पर जंगल हैं, जिसमें 16 फीसदी जगह पर चीड़ के पेड़ हैं यानी चीड़ के पेड़ लाखों की संख्या में हैं। चीड़ के पेड़ टिहरी, पौड़ी, चंपावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरगढ़ इन क्षेत्रों में सर्वाधिक हैं। चीड़ की पत्तियां (पिरूल) अधिक ज्वलनशील होती हंै। जंगल […]
Author: अमर बहादुर मौर्य
कांग्रेस की आपसी कलह से उत्तराखण्ड में लगा राष्ट्रपति शासन
संगठन और सरकार में स्थान और वर्चस्व को लेकर कांग्रेस में अक्सर विरोध के स्वर उठते रहते हैं। यह विरोध व्यक्तिगत हित की खातिर होता है। आजादी के बाद जवाहर लाल नेहरू ने प्रधानमंत्री पद की खातिर गांधी के समक्ष अपना विरोध प्रदर्शित किया था। वहीं गांधी भी जिन्हें महात्मा कहा जाता है। उन्होंने भी […]
भारतीय कालगणना सबसे प्राचीन
लखनऊ, 22/02/2015. परकीय दासता के कारण हम अपने भारतीय स्वाभिमान, संस्कृति व परम्पराओं को भूल गये। हमारे आचार-विचार, व्यवहार और वेशभूषा भी उसी अनुरूप बदलते गये। ये बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लखनऊ के विभाग प्रचारक अमरनाथ ने कही। वे रविवार को ‘वंदेमातरम् आरोग्य मंच’ द्वारा ‘राष्ट्र निर्माण में बुद्धिजीवी समाज का कर्तव्य’ विषय पर आयोजित गोष्ठी […]
उद्घोष बनाम विकास
उद्घोष स्वार्थ के वजाय स्वाभिमान के साथ विश्वास से भरा हो तो निश्चित रूप से कार्ययोजना में क्रांति आती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिया गया नारा ‘‘स्वस्थ धरा तो खेत हरा’’ देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी ऐसी उम्मीद है। वैसे नारों के उद्घोष का योगदान आजादी के काल खण्ड से चलता चला […]
महिला और मीडिया जगत की संवेदनहीनता !
आज देश के अन्दर महिलाओं के साथ होने वाला व्यवहार चिन्ता का सबब बना हुआ है। महिलाओं के साथ होने वाले, दुराचार, बलात्कार, छेड़खानी दहेज प्रथा आदि ऐसी घटनाएं अखबारों, चैनलों में लीड स्टोरी हैं। आखिर इन घटनाओं का जिम्मेदार कौन है? सरकार, समाज, या फिर आधुनिक जीवनशैली। खैर इसका जिम्मेदार जो भी हो घुमा […]