तेरी प्रीत से मेरी दुनिया सजेगी।साथ तेरे कुटी भी महल सी लगेगी। दुनिया मैं जीतू जो हाथ में हाथ तेराकरूं दूर सारे गमों का अंधेराहोगा सुखद अपना हर सवेरामेरी प्रीत तेरी आंखों के दिए में जलेगी।साथ तेरे………. सपने हमारे हकीकत बनेंगेगीत मेरे होठों पर तेरे सजेंगेआंसू के कतरे भी शबनम बनेंगेतेरी छुअन से खुशियाँ खिलेंगी। […]
Author: अमिता शुक्ला
जन्म - 6-1-1972
पिता - स्व. श्री सुरेन्द्र कुमार शुक्ल
माता - श्रीमती विंदेश्वरी देवी
शिक्षा - स्नातक
काव्य लेखन शैली -
हास्य-व्यंग्य , श्रंगार (गीत, गजल, कविता , मुक्तक, दोहा, छन्द , हाइकू)
काव्य सृजन - वर्ष 1985 से
मंचीय काव्यपाठ -शैक्षणिक समारोह में
रचना प्रकाशन - शब्द माला ( कविता संग्रह )
सम्मान व पुरस्कार - शैक्षणिक व राज्य स्तरीय कहानी सुनाने की प्रतियोगिता में
सम्पर्क सूत्र -मो. गढ़ी पुवायाँ , शाहजहाँपुर (उ.प्र.242401
मो. 8004657675
खामोश निगाहें
तेरी ये खामोश निगाहें, जाने क्या-क्या कहती हैं। इन आंखों की खामोशी में, कितनी नदियां बहती हैं। इन पलों की चिलमन में, सौ-सौ तस्वीरें सजती हैं। तेरी खामोश निगाहों में, तारीफ किसी की पलती हैं। ये खामोश निगाहें जैसे, एक इबादत करती हैं। आहिस्ता से उठकर ऊपर, शर्म हया से झुकती हैं। दे पलों की […]
वो लम्हा
वो लम्हा जो चांद से चुराकर तुमने मेरी हथेली में चुपके से रख दिया था। वो एक लम्हा जब तुमने थाम कर हाथ, जिन्दगी कर दी थी मेरे नाम। वो एक नाम जो नेह की चासनी में डुबाकर मेरे कानों में अमृत घोला था। बरसों बीत गए थमा है, वो एक लम्हा मेरे दिल की […]