जन्माष्टमी का पर्व
जन्माष्टमी का पर्व याद दिलाता है निराकार ब्रह्म के उस साकार रूप की जिसने जीवन पर्यंत प्रेम दिया जिस किसी
Read Moreजन्माष्टमी का पर्व याद दिलाता है निराकार ब्रह्म के उस साकार रूप की जिसने जीवन पर्यंत प्रेम दिया जिस किसी
Read Moreप्यार के फूल खिलाते जाएँ इस बगिया को सजाते जाएँ कोई आँख अब ना रोए ऐसे सबको हंसाते जाएँ दिल
Read More‘यत्र: नार्यौ पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:’ इस सूक्ति को समझने वाले आज भी बहुत कम हैं | आज तक भी
Read Moreमेघ जल बरसा रहे धरती की अग्न मिटा रहे कलि कलि मुस्का रही किसान ख़ुशी से झूम रहे अपने खेतों
Read Moreदिल हमारा बेकरार है तुम्हारा ही इंतज़ार है तुम्हारे सिवा कोई भाता नही जाने ये कैसा खुमार है जबसे हुए
Read Moreविश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी कर रहे थे हड़ताल अपनी मांगों को मनवाने के लिए कर रहे थे
Read Moreचँद सिक्कों की खनक में ईमान का स्वर खो रहा है भ्रष्टाचार की अँधेरी गलियों में मानव निज घर खो
Read Moreमेरे देश के नेता ऐसे होते वोट के लिए हाथ जोडते काम न बने तो पांव पकडते फिर भी न
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