चलो पावन दीप जलाएँ
चलो हम, पावन दीप जलाएँऔर धारा में , उजियारा लाएँघर-आंगन हो उजला-उजलातन-मन का अँधियारा भगाएँ। कोई नही क्लेश, अशांत रहेजगमग
Read Moreचलो हम, पावन दीप जलाएँऔर धारा में , उजियारा लाएँघर-आंगन हो उजला-उजलातन-मन का अँधियारा भगाएँ। कोई नही क्लेश, अशांत रहेजगमग
Read Moreशरद पूर्णिमा आश्विन शुक्ल की पूर्णिमा को ही मनाया जाता है।इस दिन चन्द्रमा का स्वरूप बहुत ही अद्भुत और सौंदर्य
Read Moreसंस्कृत हमारी,संस्कृति की पहचान हैसंस्कृति ही हमारी,आन-बान-शान है। हमारे देश के लिए, यह बड़ी वरदान हैयही हमारे प्राचीन,सभ्यता की जान
Read Moreचलो ज्ञान का प्रकाश फैलाएँ शिक्षा का पावन दीप जलाएँ। इस ज्ञान को हम स्वयं पाकर जनजन को प्रकाशवान बनाएँ।
Read Moreखुल गया ,स्कूल घंटी बजी टन टन करलो तैयारी ड्रेस पहन के बन ठन। हाथ जोड़ कर करें राष्ट्र का
Read Moreगाँव का चौपाल,बरगद पेड़ के नीचे गहमा-गहमी चारो तरफ कोलाहल!! गाँव के सारे जनमानस एक दूसरे से घटी-घटना के बारे
Read Moreआओ-आओ प्यारे बच्चो चलो घूमने-फिरने जाएंगे छुटियाँ अब तो शुरु हुई चलों आनंद खूब मनायेंगे। छुट्टी के संग-संग गर्मी आई
Read Moreसाहित्य सृजन करना,और साहित्य में जीना बिलकुल अलग बात है,बाल कहानीकार श्री टिकेश्वर सिन्हा जी,इन बातों में यदि कोई मेल
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