वसुंधरा सजने लगी
वसुंधरा अब,सजने-संवरने लगी हैचमन में ये कलियां,चटकने लगी हैबागों से यह गलियां महकने लगी हैभीनी-भीनी बयार भी बहने लगी है।
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Read Moreवैदिक साहित्य से लेकर उपनिषद वेद पुराण, महाभारत,रामायण सहित कालिदास साहित्य और हिंदी साहित्य के इतिहास पर जब हम दृष्टि
Read Moreजय घोष करो, जय घोष करोश्री राम जी का जय घोष करोफहराओ अब तो भगवा झंडागाँव-शहर में ये शंखनाद करो।
Read Moreप्रातः काल का समय,पर्वतों की ओट से सूर्य की सुनहरी आभा आसमान को सिंदूरी लाली से भर रही थी।पंछीगण चहचहाते
Read Moreजनता-जनार्दन हैं,जनता ही भगवान हैजनता के हाथों सब कुछ,यही महान है। जनता भाग्य-विधाता, इसी से जहान हैजनता की पूजा करो
Read Moreमोक्षांश कक्षा आठवीं का होशियार बच्चा था,उसे अपनी होशियारी पर बड़ा घमंड था।हो भी क्यों न,अपनी क्लास में टॉपर जो
Read Moreचलो हम, पावन दीप जलाएँऔर धारा में , उजियारा लाएँघर-आंगन हो उजला-उजलातन-मन का अँधियारा भगाएँ। कोई नही क्लेश, अशांत रहेजगमग
Read Moreशरद पूर्णिमा आश्विन शुक्ल की पूर्णिमा को ही मनाया जाता है।इस दिन चन्द्रमा का स्वरूप बहुत ही अद्भुत और सौंदर्य
Read Moreसंस्कृत हमारी,संस्कृति की पहचान हैसंस्कृति ही हमारी,आन-बान-शान है। हमारे देश के लिए, यह बड़ी वरदान हैयही हमारे प्राचीन,सभ्यता की जान
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