मन…..
ये मन भी न ! सुकून की साँस ही नहीं लेने देता हर वक़्त कोई न कोई “ऐसी बात” मन
Read Moreबातों ही बातों में कुछ ऐसी बात हो गई बन गया मन से मन का रिश्ता और हमें खबर तक
Read Moreएक तो प्रसव पीड़ा का दर्द उसपर घरवालों का डर कैसे रोक पाए वो माँ अपने झरझराते आंसुओं को खाए
Read Moreवो है इस बात से बेखबर जागती हूँ रातों को उसे याद कर सोने नहीं देती मुझे उसके एहसासों की
Read Moreराजनीति के गलियारे में, नेता जी का पालना झूल रहे है ठाठ से, प्रजातंत्र के राजनेता बिलख रही है भूख
Read Moreचाहती हूँ कहूँ दिल की बात तुमसे पर ठहर जाते है लवों पर आते-आते…. ये प्यार है मेरा जो चाहता
Read Moreबीती जा रही शाम सुहानी एक तेरे आने की आस दिल में लगी….. पलकों पे सज रही ख्वाब सुहानी चांदनी
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