पुरुषोत्तम मास – अधिकस्य अधिकम् फलम्
इन दिनों सर्वत्र पुरुषोत्तम मास यानि की अधिक मास की धूम है। मन्दिरों, मठों, आश्रमों से लेकर सत्संग और कथा पाण्डालों तक
Read Moreइन दिनों सर्वत्र पुरुषोत्तम मास यानि की अधिक मास की धूम है। मन्दिरों, मठों, आश्रमों से लेकर सत्संग और कथा पाण्डालों तक
Read Moreइस दुनिया में सभी प्रकार के लोगों का वजूद बना हुआ है। इनमें जलने वालों और जलाने वालों की संख्या
Read Moreवर्षा से नहायी और हरियाली की चादर ओढ़े सजी-सँवरी प्रकृति के सौन्दर्य को निहारने के लिए प्रकृति प्रेम से परिपूर्ण
Read Moreइन दिनों देश भर में सावन की मदमस्ती और भोले बाबा की आराधना का दौर पूरे परवान पर है। हर
Read Moreभगवान शिव को समर्पित यह श्रावण केवल शिव साधना के विभिन्न आयामों के निर्वाह मात्र या आयोजनों में रमे रहने
Read Moreअंगुलियाँ उमड़ा देती हैं अभिव्यक्ति का सागर इशारों ही इशारों में अंगुलियों की अपनी भाषा होती है जिसके लिए न
Read Moreपश्चिमी राजस्थान का समूचा क्षेत्र दैवीय शक्तियों और दिव्य ऊर्जाओं से आप्लावित माना जाता है। समूचे क्षेत्र में शाक्त उपासना
Read Moreसारी उपासनाओं, साधनाओं और कर्मयोग का यही सार है कि जिसकी नीयत साफ है, भगवान उसी के साथ है। फिर जिसके साथ
Read Moreरोजाना कोई सा धार्मिक कार्यक्रम हो, कथावाचकों की कथाएं हों अथवा सत्संग। या कुछ-कुछ दिनों में आते रहने वाले पर्व-त्योहार, उत्सव, मेले-ठेले, यज्ञ, अनुष्ठान, मन्दिर, मूर्ति और
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