मेरी कहानी 178
होटल विंटर पैलेस में काफी दोस्त बन गए थे। इकठे बाहर चले जाते। कभी कहीं किसी दुकान पर बैठ कर
Read Moreहोटल विंटर पैलेस में काफी दोस्त बन गए थे। इकठे बाहर चले जाते। कभी कहीं किसी दुकान पर बैठ कर
Read Moreरात को सो कर उठे, तैयार हुए और कमरा बंद करके डाइनिंग हाल में आ गए और बिग ब्रेकफास्ट का
Read Moreरात के वक्त हम क्रूज़ बोट में से विंटर पैलेस होटल में आ गए थे। होटल कोई ज़्यादा दूर नहीं
Read Moreसुबह उठे और ब्रेकफास्ट करके हाल में आ गए। दुसरे लोगों से बातें करते करते हम ऊपर सन डैक पर
Read Moreगैलाबाया और पगड़ी पहन कर शर्माते शर्माते जब हम बार में पहुंचे, तो देखा वहां सभी हंस रहे थे। इस
Read Moreपिछली शाम बैली डांस और घागरा डांस देख कर सोये थे। सुबह उठे तो जसवंत बोला,” मामा ! कल रात
Read Moreकारनैक टैम्पल हम ने देख लिया था और यह टैम्पल सब से मशहूर टैम्पल है और इस में रात के
Read Moreवैली ऑफ दी किंग्ज देख कर हम कोच में बैठ गए। भूख सब को लगी हुई थी। अब कोच यहाँ
Read Moreसुबह उठ कर तैयार हुए और ब्रेकफास्ट के लिए डाइनिंग रूम में आ गए। ब्रेकफास्ट हमेशा सैल्फ सर्विस ही होती
Read Moreबर्मिंघम से लुक्सर कोई छै घंटे का सफर था। यह वक्त खाने पीने और मैगज़ीन अखबार पढ़ने में ऐसे बीता
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