आ गए शुभ नवरात्रे भक्तो माँ के दरबार में आओ, पाकर माँ का आशीष, अपना जीवन सफल बनाओ, आओ भक्तों आओ, माँ वैष्णो देवी के दरबार , माँ चरणो में शीश झुका के माँ का करो सत्कार, माँ करती हैं अपने सब भक्तो पर उपकार, माँ की शरण में जो आया उसका बेडा पार, माँ […]
Author: जय प्रकाश भाटिया
दिलों की दूरियाँ
पहले चलती थी पैसेंजर ट्रेन- आवाज आती थी, गाड़ी चलेगी तो पहुंचेगें, फिर आई एक्सप्रेस ट्रेन- यात्री बोले, गाड़ी चली है तो पहुँच ही जाएँगें, फिर आई राजधानी एक्सप्रेस, यात्रीगण बोलें, गाड़ी अभी चले- अभी पहुँचें, जब ममता ने चलाई दुरुंतों एक्सप्रेस, कम हो गयी दूरियाँ शहरों में, अब आएगी बुलेट ट्रेन, लोग बोले, […]
सफलता का आधार परिश्रम
(इस बार अपने छोटे भाई अरविन्द की लेखनी से निकली एक कविता प्रस्तुत है.) सफलता का आधार परिश्रम परिश्रम और सिर्फ परिश्रम ही हे– हर सफलता का आधार ,शार्टकट ले जाये तंग टेड़े -मेढे राहों पर ,न आगे को रास्ता न पीछे मुड़ने का असर,बस सच्चाई का रास्ता बनाये तुझे निडर ,करे हर मुश्किल से मुश्किल बला […]
प्यार ही पूजा
प्यार महके ज़िन्दगी, में प्रभु से मेरी प्रार्थ्रना है , प्यार सच्चा हो तो यह, उम्र भर की साधना है, प्यार ही पूजा हमारे मन में सच्ची भावना है, प्यार के हर स्पर्श में मिलन सुख की कामना है, प्यार में भगवान दर्शन, यह हमारा मानना है, प्यार से खुशियों का इक विशाल अम्बर तानना […]
गर्व से कहो हम हिन्दु हैं
गर्व से कहो हम हिन्दु हैं गर्व से कहो हम हिन्दु हैं सभ्यता और संस्कृति के— हम ही केंद्र बिंदु हैं–गर्व से कहो हम हिन्दु हैं , श्री गणेशजी की आराधना से , हम करते हैं शुभारम्भ हर काम सुबह उठते ही पहले लेते हैं, अपने इष्ट प्रभु का नाम, राम की भक्ति हमें बनाती है मर्यादा पुरुषोत्तम, राधा […]
आंसूओं की ‘कद्र’
इन आंसूओं की अब इस जमाने में ‘कद्र’ नहीं होती, पर इन आँखों को भी छलके बिना, ‘सब्र’ नहीं होती, रो रो गुज़र रही है, हर सच्चे इंसान की ज़िन्दगी, क्यों सुख चैन से उसकी यह उम्र, बसर नहीं होती, अपना ज़मीर मार कर,यहाँ रोज़ मरते हैं कई लोग, पर इनकी कहीं […]
आ जाओ कान्हा, अब तो आ जाओ,
आ जाओ कान्हा, अब तो आ जाओ, हर एक सुदामा , गरीब बेचारा, फिरता देखो मारा मारा , कहीं नहीं कोई उसका सहारा आओ उसको गले लगाओ, आ जाओ कान्हा, अब तो आ जाओ, एक द्रोपदी कई दुशासन , रो रो कर हो रही है व्याकुल , सब चीर हरण को कितने आतुर, आकर उसकी लाज बचाओ […]
‘ममता की छाँव’
ममता की छाँव भुला देती है सरे दुःख, माँ की सेवा में है जीवन का सारा सुख, माता की सेवा इस जग में सर्वोपरि है, माता की सेवा में ही ईश्वर की छवि है, लहलहाते खेत सा हराभरा माँ का आँचल है, अन्नपूर्णा है जग की, सृष्टि की संचालक है, तीनो […]
कविता : समय की उपयोगिता
समय के पंख लगा पल पल यह जीवन अतीत में समां जाता है, हमने क्या खोया क्या पाया यही विचार बस मन में रह जाता है, पर समय की सदुप्योगिता पर ,किसका कितना ध्यान जाता है, समय की उपयोगिता पर, मानवता के मूल्यों पर, जीवन जो संयम मय हो, जीवन जो सुखमय हो जीवन जो […]
पिया का प्यार
अपने अपने पिया का प्यार पाने के लिए, सुहागन ने स्वयं को दुल्हन सा सजाया है, बालों में लगा कर भीनी भीनी खुशबू का गजरा, चमकती लाल बिंदिया से क्या माथा चमकाया है, कानो में झुमके नाक में नथनी, मांग में सिन्दूर सजा, अपने पिया को प्रेमालिंगनं के लिए पूरा उकसाया है, सुहागन ,कंगन खनका […]