गीतिका/ग़ज़ल *मंजूषा श्रीवास्तव 05/02/2024 वतन वतन ऐ वतन तुझ पे ये जाँ लुटा दें तेरी आन पर अपनी हस्ती मिटा दें मेरे हौसले से हिले Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मंजूषा श्रीवास्तव 16/01/202416/01/2024 गजल तुम नही तो जहाँ नहीं होताबिन तेरे ये समाँ नहीं होता दूर रह कर करीब हो दिलकेप्यार कह कर बयाँ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मंजूषा श्रीवास्तव 13/01/202413/01/2024 ज़िंदगी के फलसफ़े को ज़िंदगी के फलसफ़े को आजमाना चाहियेसुख मिले या दुख हमें बस मुस्कराना चाहिये हर तरफ़ खुशियाँ बरसती हों कहाँ तक Read More
गीत/नवगीत *मंजूषा श्रीवास्तव 13/01/202413/01/2024 गीत मन मुदित अरु भावनाएं हैं मुखर हर व्यक्ति की |है सुखद पल जय विजय है फिर सनातन शक्ति की | Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मंजूषा श्रीवास्तव 13/01/202413/01/2024 गजल घरोंदों को बनाने में जमाने बीत जाते हैंसंभाला गर न जाये तो उजड़ पल भर में जाते हैं | भुला Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मंजूषा श्रीवास्तव 09/01/202409/01/2024 गजल थी खफ़ा जिंदगी ये हकीकत रही l आरज़ूओं में लिपटी मुहब्बत रही l दर्द ग़म को भुला बढ़ चले राह Read More
मुक्तक/दोहा *मंजूषा श्रीवास्तव 18/12/202318/12/2023 मुक्तक सुहाना हो नवल यह वर्ष पावनता जहां फैले |की जन-जन के ह्रदय में अब उजाला ज्ञान का फैले |प्रदूषण से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मंजूषा श्रीवास्तव 18/12/202318/12/2023 गजल ज़िंदगी को जिया किजिये।दायरा दिल बड़ा कीजिये| नफरतों को मिटा प्यार से ।प्यार का वासता कीजिये | सूर्य बन ना Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मंजूषा श्रीवास्तव 08/11/202308/11/2023 गजल हार बैठे जिंदगी को प्यार मे |जी रहे हैं अब तलक एतबार में | नफरतो को भूल कर आओ जियेक्या Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मंजूषा श्रीवास्तव 07/11/2023 आदमी ऐश के सामान करता जा रहा है आदमीज़िंदगी दोज़ख बनाता जा रहा है आदमी हर नई तकनीक को अपना रहा Read More