दोहे
योग हरे चिंता सभी,काटे सकल कलेश | तेज बढ़े स्फूर्ति हो,आलस रहे न लेश || तन मन मे उत्साह हो,छाये
Read Moreयादों का आंगन 💐💐💐💐 मेरे बचपन का घर आंगन रह रह के मुझे याद आता है | जी चाहता है
Read Moreयाद बहुत आता है 💐💐💐💐💐💐💐💐 माँ-बाबुल बचपन घर- आंगन कितना तरसाता है | मुझको वह बचपन का आँगन याद बहुत
Read Moreचंदा मामा रूप तुम्हारा मुझे लुभाया करता है | घटना- बढना निश दिन तेरा मुझ में अचरज भरता है |
Read Moreगौरव मय इतिहास हमारा, भूल न जाना हे मानव | मर्यादाएं मत बिसराना, सच अपनाना हे मानव | पूजनीय हो
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