मर्यादाएं
जब न आकांक्षाएं, हिलोरे मारेंऔर न कुछ पाना, ही हो जरूरीफिर हम क्यों, हां में हां मिलाएऐसी भला है, क्या
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Read Moreपांच सौ वर्षों से, भी अधिक काइंतजार आखिर , खत्म हुआअयोध्या सज गयी, दुल्हन जैसीश्री राम जी का, आगमन हुआ।।
Read Moreयूं ही नही कोई, अटल बन सकता ग्वालियर की, पुण्य धरा परएक अटल सितारा, उदित हुआजन-मानस पर, अमिट छाप छोड़ीबार
Read More-साठ का आंकड़ा, पार क्या किया लगता है जैसे, नये पंख लग गये नयी नयी विधाओं,से हुआ सामना खुशियों से
Read Moreमुंबई की लोकल, ट्रेन का सफर एकदम , है निराला ।। क्या अंदर, क्या बाहर सब जगह, भारी भीड़ है
Read Moreजन्म के साथ, जो करतब दिखातेमाता पिता की, बेड़ियां खुलवातेपहरेदारों को, गहरी नींद सुलाकरनंद के घर , आनंद बरसातेआज उन्हीं
Read Moreकरोड़ों दिलों की, थी एक पुकारचंद्रायन 3 करे, सपने साकारचंद्रयान चन्द्रमा की,सतह को चूमे140 करोड़ भारतीय,नाचे, झूमें धड़कनें जन जन
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