एक माँ के बेटे चार
संवेदनाएं नहीं है एक मां के बेटे चार कौन देगा रोटी अब हो रहा विचार झगड़ा हुआ रात भर
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Read Moreअचेतना से निकलकर भविष्य की ओर झाँकती हुई नवस्फुटित कोंपलें जीवन की सार्थकता को परिभाषित कर रही है नर होकर
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