हिजाब और बदलाव
औरतों को बस.. डराया जाता है। कभी हिजाब और कभी घुंघट की आड़ लेकर, सभ्यता- संस्कृति का पाठ पढ़ाया जाता
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Read Moreइस बार बसंत नहीं आया। धूमिल -धूमिल धरा पर छाया। बादल बरसे निसदिन – निसदिन. भरे हृदय की व्यथा कोई
Read Moreजिंदगी जब …. जन्मदिन से पुण्यतिथि मनाती है। वो कितना टूटी है पल-पल। अपने टूटे टुकड़ों को, जोड़कर पूरा होने
Read Moreआइए…..आपको हिमाचल लिए चलते हैं । जिसके कण- कण में प्रेम का आविर्भाव है। देवभूमि के पवित्र संसार में लिए
Read Moreनए साल अब तू ही बता मैं क्या करूं। हैप्पी न्यू ईयर हैप्पी न्यू ईयर कह -कह कर, नए साल
Read Moreकुछ देर सही…….पर अफ़सोस होता है। जब सब करने के बाद भी, खुद पे इलजाम होता है। कुछ देर सही…….पर
Read More14 नवंबर आज के दिन । बाल दिवस की स्नेहिल अभिलाषा है । देश के आत्मसम्मान को सींचा जिसने ।
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