जलाओ दिया
दौलत की दुनियां, यहां दिख रही हैअदा बिक रही है, वफा बिक रही है है सौदागरी का चलन इश्क में
Read Moreचलते चलते देश की सियासत आज ऐसे दो राहे पर आकर खड़ी हो गयी है जहां पर देश तो एक
Read Moreकुदरत जब अपना रौद्र रूप धारण करती है और पूरे मस्ती में आगे बढ़ती है तब हम इंसानों को अपनी
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Read Moreब्रम्हांड के सारे ग्रह व्यवस्थित होकर निरन्तर आगे की ओर अग्रसर हैं भारतदेश को बचाने के लिये सारे ग्रह अपनी-
Read Moreपंक्षी नदियां पवन के झोंके कोई सरहद न इनको रोके यह गाना तो सभी लोगों ने सुना ही होगा इस
Read Moreझलक एक देकर खरीद ली आंखेइन्हें और कुछ अब गवांरा नहीं हैचले उनकी जानिब किसी रोज थेअब क़दमों पे जोर
Read Moreजो चाहिए ओ सब कुछ दिया है मैंने फिर इतनी बेरूखी क्यों हर कदम पर वफा करती आयी हूं फिर
Read Moreपरलोक सिधारा इश्क यहां, गुनाह धरा पर टिके हुए नादान बहुत तुम लगते हो, अभी राह में रुके हुए यहां
Read Moreसमाज के हर वर्ग का युवा हिन्दी सिनेमा जगत से बनायी गयी फिल्मों को देखकर अधिक प्रभावित होता दिखाई दे
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