गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 07/06/2023 ग़ज़ल आ सुधारें आज हम वातावरण दे रही दूषित हवा पर्यावरण देखते ही पेड़ कटते हैं गये अब बिगड़ता जा रहा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 07/06/2023 ग़ज़ल रब मिले उपहार – सी है ज़िंदगी ….. खेलते किरदार – सी है ज़िंदगी ….. ज़ख़्म मिलते ही गये हैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 07/06/2023 इस शहर में बना तुम एक घर लो अभी तो इस शहर में ….. बसे हो आज सुन लो तुम्हीं मेरी नज़र में Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 22/05/2023 ग़ज़ल हम बढ़ेंगे और आगे ज़िंदगी से प्यार कर हम करें सेवा सभी की खुद को ही तैयार कर देख दिल Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 15/04/2023 ग़ज़ल मिला मौका हमें कुछ गुनगुनाने का अभी तो हौसला है गीत गाने का मिले मंज़िल निकल तो पड़े हैं अब Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 13/04/2023 ग़ज़ल ठोकरें भी रोज़ खाती ज़िंदगी सोचती ही देख जाती ज़िंदगी छू सकें ये आसमां बढ़ते कदम देख तब राहें दिखाती Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 13/04/2023 ग़जल अब सोचते जिएँ वफ़ा के बग़ैर भी ….. पर सोचते न जियें अना के बग़ैर भी ….. जो चार ही Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 24/03/2023 ग़ज़ल बढ़े हर कदम ने तेरे, मुझे हर पल सँवारा है उसी ने ही सुनो प्यारा, नसीब ये सुधारा है बहारों Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 15/03/2023 ग़ज़ल दी हुई इस भंग से अब , कैसे में खुद को बचाऊँ आज देख तरंग से अब , कैसे मै Read More
गीतिका/ग़ज़ल *रवि रश्मि 'अनुभूति' 13/02/2023 ग़ज़ल चाँद को देख मैं मुस्कुराता रहूँ तब खिली चाँदनी में नहाता रहूँ देखते – देखते सज गया बाग ही रोज़ Read More