मै क्या करूँ
मै क्या करूँ , समझ नहीं पा रहा हूं , आखिर क्यों मै इतना सोचता हू , मै इतना जीवन
Read Moreमै क्या करूँ , समझ नहीं पा रहा हूं , आखिर क्यों मै इतना सोचता हू , मै इतना जीवन
Read Moreजहाँ सारा दुनिया जिसकी शरण मे , नमन है उस भगवान शिव के चरण मे , हम बने उस महाकाल
Read Moreबिहार के सीवान जिले के चैनपुर गांव के भीष्म प्रसाद के पुत्र युवा साहित्यकार रुपेश कुमार को ‘विश्व जन चेतना
Read Moreआजादी के झंडे को हम , आत्मविश्वास से फहराएंगे , जीवन की उपलब्धियों को हम , देश के नाम करायेंगे
Read Moreजीवन मे मुझे कुछ शब्दों से काफी नाराज़गी मिली जो कभी पूरा हुआ ही नही भले उसे किसी तरह उपयोग
Read Moreजीवन के रंग मे खुशियों के संग मे , सुबह की लाली, घटा शाम की तन्हाई मे , हरे-भरे पेड़ों
Read Moreदीपो का दिवाली आयी है , दीप जगमगाते दिवाली आयी है , मीठे मीठे मिष्ठान लेकर आयी है , लाल,
Read Moreतुम्हारा मुझे एक टक निहारना मुझें बहुत याद आता है , तुम्हारा दुपट्टे में मुँह छिपा कर मुस्कुराना , मुझें
Read Moreभारत की साहित्यिक निस्वार्थ राष्ट्रीय संस्था “राष्ट्रीय आँचलिक साहित्य संस्थान” का बिहार इकाई का उद्घाटन समारोह मे संस्था के सभी
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