कविता

शिक्षक जीवन की आत्मा है

शिक्षक जीवन की आत्मा है ,
शिक्षक ही जीवन के परमात्मा है ,
बिन शिक्षक जीवन कहाॅं ,
शिक्षक जीवन की प्राणवायु है ,
शिक्षक बिन जीवन है अधूरा ,
खाली – खाली , सुना – सुना ,
शिक्षक जीवन की रोशनी है ,
शिक्षक जीवन का उजाला है ,
शिक्षक दुनियाॅं को राह दिखलाते ,
शिक्षक जीवन की मंजिल बनाते ,
शिक्षक जीवन के लिए मूल्यवान होते ,
शिक्षक जीवन को संवारते है ,
शिक्षक बिन जीवन की कल्पना नही होती ,
शिक्षक बिन ज्ञान की प्राप्ति नही होती ,
शिक्षक हमें चलना सिखलाते ,
शिक्षक हमारे ज्ञान की ज्योति जलाते हैं !
— रुपेश कुमार

रूपेश कुमार

भौतिक विज्ञान छात्र एव युवा साहित्यकार जन्म - 10/05/1991 शिक्षा - स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर),बी.एड(फिजिकल साइंस) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी ! प्रकाशित पुस्तक ~ *"मेरी कलम रो रही है", "कैसें बताऊँ तुझे", "मेरा भी आसमान नीला होगा", "मैं सड़क का खिलाड़ी हूँ" *(एकल संग्रह) एव अनेकों साझा संग्रह, एक अंग्रेजी मे ! विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओ मे सैकड़ो से अधिक कविता,कहानी,गजल प्रकाशित ! राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थानों से सैकड़ो से अधिक सम्मान प्राप्त ! सदस्य ~ भारतीय ज्ञानपीठ (आजीवन सदस्य) पता ~ ग्राम ~ चैनपुर  पोस्ट -चैनपुर, जिला - सीवान  पिन - 841203 (बिहार) What apps ~ 9934963293 E-mail - - rupeshkumar01991@gmail.com