मुक्तक/दोहा समीर द्विवेदी नितान्त 23/02/2023 मुक्तक कारोबारी सोच को अपनी दूर रखो अगर रख सको प्रेम भरा दस्तूर रखो । दुनियादारी का फेरा जीवन भर का, Read More
गीतिका/ग़ज़ल समीर द्विवेदी नितान्त 20/01/2023 ग़ज़ल अपना मन रखिए निर्मल ।। राम मिलेंगे निश्चय कल ।। ऐसी नहीं समस्या कोई,, जिसका ना हो कोई हल ।। Read More
गीतिका/ग़ज़ल समीर द्विवेदी नितान्त 16/12/2022 ग़ज़ल सुख की चाह अगर है तो फिर तपना पड़ता है ।। हर मौसम की हर सूरत को सहना पड़ता है Read More
समाचार समीर द्विवेदी नितान्त 01/12/2022 कन्नौज महोत्सव में स्थानीय कवि सम्मेलन कन्नौज महोत्सव में स्थानीय कवि सम्मेलन में हास्य व्यंग,वीर रस की कविताओं पर खूब तालियां बजीं। एआरटीओ इज्जा तिवारी ने Read More
गीतिका/ग़ज़ल समीर द्विवेदी नितान्त 26/11/2022 ग़ज़ल तोहमतें लग रहीं सबेरों पर ।। कुछ मेहरबान हैं अंधेरों पर ।। जोर देखेंगे अब हवाओं का रख दिए हैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल समीर द्विवेदी नितान्त 31/10/202201/11/2022 ग़ज़ल हद से ज्यादा करीबियां बढ़ कर ।। दूरियों में बदलतीं हैं अक्सर ।। आंधियों का नहीं कोई भी डर ।। Read More
मुक्तक/दोहा समीर द्विवेदी नितान्त 21/10/2022 मुक्तक इस दीवाली रोशनी का बोलबाला चाहिए ।। सबके घर मे सबकी छत पर दीपमाला चाहिए ।। दीप मेरे हाथ मे Read More
गीतिका/ग़ज़ल समीर द्विवेदी नितान्त 08/09/202208/09/2022 ग़ज़ल घर में जाओ तो छोड़ दो बाहर ।। अपने दुख दर्द अपनी चिंता फिकर ।। उसको किस बात का भला Read More
गीतिका/ग़ज़ल समीर द्विवेदी नितान्त 02/09/2022 ग़ज़ल ध्यान इतना रहे उड़ानों में रुक न पाओगे आसमानों में अक्सर अब होते ही नहीं हैं घर लोग रहते हैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल समीर द्विवेदी नितान्त 20/08/2022 ग़ज़ल कैसे सीखें दुनियादारी । सीख नहीं पाए होशियारी।। मतलब छूटा रिश्ते छूटे यानी अब मतलब की यारी ।। खाली पेट Read More