ऋचा
सन्दर्भों से सार गर्भित छन्दों की अधिष्ठात्री। मुख मंडल से निकली वेदों की सिद्धिदात्री।। ऋषियों की परम्परा भागवत की सारणी।
Read Moreप्रकृति तत्व है हिन्दी इसे तुम जानों वेद सारांश है हिन्दी इसे तुम मानों।।१।। जमीं से आसमां तक सार है
Read Moreअनकहे लम्हों को जो समझ न पाए, उसे कैसे न कहूं कि ये नहीं समझ पाए। अरमानों की मुठ्ठी बन्द
Read Moreहमारे शब्दों ने अनहदों के दायरे देखे हैं। चट्टानों से उत्तर कर सागर की गहराईयों को देखा है। आलोचकों के
Read Moreमंद सुगंध पवन, भरे आज प्रेम घन, सघन घनघोर में, व्यथा सुन लीजिए।
Read Moreगुरू की महिमा जगी, संत सभी हैं सुखाय, मन व्याकुल यूँ रहे, गुरु के शरणें जाय। जीवन की है ये
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