लाख होगीं कोशिशें ईमान को मत बेचना
लाख होगीं कोशिशें ईमान को मत बेचना आदमीयत की यही पहचान को मत बेचना थालियों में आपकी रूखे निबाले ही
Read Moreलाख होगीं कोशिशें ईमान को मत बेचना आदमीयत की यही पहचान को मत बेचना थालियों में आपकी रूखे निबाले ही
Read Moreदिन पलता ढलता रहता है, काल चक्र चलता रहता है। कभी अँधेरे कभी उजाले, खेल यही चलता रहता है॥ चट्टानों
Read Moreदर्द सहकर मुस्कुराना पडता है ये सफर यूँ ही बिताना पडता है सामने किस्मत के तो हर हाल में हर
Read Moreटुकडे कागज के हुए, देखो सारे नोट काले धन पर हो गयी,सचमुच गहरी चोट सचमुच गहरी चोट, मची है मारा
Read Moreजीवन के कोरे काग़ज पर कोई गीत ग़ज़ल लिखता हूँ। कम होती साँसे लिखता हूँ बीत रहा पल पल लिखता
Read Moreहमारी ज़िन्दगी को ज़िन्दगानी की ज़रूरत है। रखे पहचान जो कायम निशानी की ज़रूरत है॥ कभी सर्दी कभी गर्मी कभी
Read Moreसात जनम तक साथ निभाने का वादा क्यूँ तोड गये। जीवन के अन्जान सफ़र में साथ भला क्यूँ छोड गये॥
Read Moreजुर्म तेरी इंतिहा बाकी अगर है। ये ज़िगर तैयार सारी उम्र भर है॥ ले लिया हँसकर दिया है जिसने जितना।
Read Moreफिर वही नापाक हरकत फिर मिटी इंसानियत नाम पर आखिर धरम के कब तलक ये वहशियत किस धरम ने दी
Read Moreजिन्दगी भर बस यही नादाँनियाँ करता रहा। आदमी रिश्तो में भी बेईमानियाँ करता रहा॥ जान कर भी सच को उसने
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