जुर्म तेरी इंतिहा बाकी अग़र है…
जुर्म तेरी इंतिहा बाकी अगर है। ये ज़िगर तैयार सारी उम्र भर है॥ ले लिया हँसकर दिया है जिसने जितना।
Read Moreजुर्म तेरी इंतिहा बाकी अगर है। ये ज़िगर तैयार सारी उम्र भर है॥ ले लिया हँसकर दिया है जिसने जितना।
Read Moreफिर वही नापाक हरकत फिर मिटी इंसानियत नाम पर आखिर धरम के कब तलक ये वहशियत किस धरम ने दी
Read Moreजिन्दगी भर बस यही नादाँनियाँ करता रहा। आदमी रिश्तो में भी बेईमानियाँ करता रहा॥ जान कर भी सच को उसने
Read Moreरोको अब यह अत्याचार काटे पेड हजार हजार खंडित धरती घटता पानी और प्रदूषित हुई बयार मानव कुछ तो सोच
Read Moreमुहब्बत है मेरा पैगाम मुहब्बत लिखना मेरा काम॥ धडकता हूँ धडकन बनकर मैं सबके दिल में रहता हूँ समझता हूँ
Read Moreइरादे फौलादी है मुट्ठी में तूफान रखते है गगन से ऊँची अपनी हस्ती है सम्मान रखते है बहेगा खून का
Read Moreहमें अब इश्क में फिर से हदों के पार जाना है। वही किस्सा पुराना फिर वफा का दोहराना है॥ किसी
Read Moreलगा कर दिल किसी से यूँ मुकर जाना नही अच्छा। किसी को प्यार में इतना भी तडपाना नही अच्छा॥ किसी
Read Moreदर्द पर गैरों के तुम मरहम लगाकर देखना। हो सके तो कर्म की दौलत ये पाकर देखना॥ जब दवा नाकाम
Read Moreखिलते फूलों के गुलशन में ख़ार उगाते देखे लोग। उजले से उजले दामन पर दाग लगाते देखे लोग॥ कैसे कैसे
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