दर्द सहकर मुस्कुराना पडता है
दर्द सहकर मुस्कुराना पडता है
ये सफर यूँ ही बिताना पडता है
सामने किस्मत के तो हर हाल में
हर किसी को सर झुकाना पडता है
पेट की इस आग में अक्सर यहाँ
मान तन मन सब जलाना पडता है
हुक्म आका ने दिया हर हाल में
जान देकर भी निभाना पडता है
हाँ हकीकत है गरीबी को सदा
बोझ ख़्वाहिश का उठाना पडता है
भूख उनसे पूछिये जाकर जरा
जिनको जो मिल जाये खाना पडता है
है यही दस्तूर दुनिया का सुनो
सबको खाली हाथ जाना पडता है
सतीश बंसल