आधुनिकता
पता नहीं, हमें अभी और कहां ले जाएगी ये आधुनिकता बेशर्मी के, और कौन से रंग दिखाएगी ये आधुनिकता। धर्म
Read Moreये खामोंशियाँ एक दिन गुनगुनाएंगी जरूर दिल में दबी हर बात, सुनाएंगी जरूर इन्हें इन्तजार है, किसी के कदमों की
Read Moreतुम जब से मिल गये हो, दिल में करार सा है। सब कुछ बदल गया है, हर और प्यार सा
Read Moreभोर होने को है, सपनें संजोने का वक्त नहीं है। आलस त्याग के अब उठ,जाग तेरे सोने का वक्त नहीं
Read Moreपत्थरों के साथ, यूं ना निबाह कर। तोड कर इनको, नई कुछ राह कर॥ हमनें देखा है, पिघलते पत्थरों को।
Read Moreरावण कंसो का गुणगान धरा पर जब जब होता है। धर्म कर्म जग में जब जब मर्यादा अपनी खोता है॥
Read Moreखुदगर्ज दुनियां में, उसुलों की बात ना कर। खिजा के वक्त में, मुस्काते गुलों की बात ना कर॥ प्रतिभाओं के
Read Moreदफन हया है, तार तार मर्यादा है। हर कोई दानवता पर आमादा है॥ जानें दौलत का, ये कैसा नशा चढा।
Read Moreमेरे वादे मुझे याद हैं हमसफर, तेरे वादे तुझे याद हों कि ना हो। तुमको दिल में बसाया है दिल
Read Moreमां मुझे फिर फिर गोद में अपनी सुला लो प्यार से सर हाथ फेरो और बला लो। डर मुझे लगने
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