सपनों को ओढना, पलकों को बिछोना कर दूं…
सपनों को ओढना, पलकों को बिछोना कर दूं। आ तेरी चाह के दामन को, प्यार से भर दूं॥ जिसको सींचा
Read Moreसपनों को ओढना, पलकों को बिछोना कर दूं। आ तेरी चाह के दामन को, प्यार से भर दूं॥ जिसको सींचा
Read Moreखुदगर्ज सी दुनियां मे, विश्वास ढूढता है समझाकर हार गया ,नादांन मेरे दिल को इस झूठ की दुनियां में, क्यूं
Read Moreबसा लिये सबने जहान ,अपने अपने पा लिये सबने मुकाम ,अपने अपने। वो अब क्यूं किसी का सहारा बनेगें जिन्हे
Read Moreजाने क्यूं अब शर्म से, चेहरे गुलाब नही होते। जाने क्यूं अब मस्त मौला मिजाज नही होते। पहले बता दिया
Read Moreउंगलियों से लटों को घुमाओ ना यूं तीर कातिल अदा के चलाओ ना यूं। जाने कितने दिलों मे जगेगी कसक
Read Moreज्ञान विज्ञान पर तु कितना भी गुमान कर । अपनी तरक्की पर तु कितना भी अभिमान कर । पर उसके
Read Moreगुणवान, निधान ज्ञान सागर प्रणाम आपके चरणों में॥ हे गुरुदेव हे पथदर्शक , दिल प्राण आपके चरणों में॥ हम मूढ
Read Moreबरसा दो थोडा प्यार भी बूंदो केसाथ सूख सी गयी मानवता को बहार दे दो। अब की बार, ओ सावन
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