टेढ़ी खीर
उस रात मैं सोया नहीं था, रात के करीब ३ बज रहे थे और मैं कुर्सी पर बैठा टेबल पर
Read Moreआज आँचल पर्वतों का मानो जैसे खिल गया है जंगलों को नया यौवन स्वतः जैसे मिल गया है पुष्प
Read Moreहे नीलकंठ, मेरा कंठ भर आता है तुम्हारी महिमा गाते गातेमेरे ह्रदय का असीम प्रेम सहसा नयनों से छलक उठता
Read Moreआप कलम से लहर ला सकते हैँ, भावना का झाग हो, और शब्दोँ मेँ आग हो, तो कहीँ घोँल देँ
Read Moreयाद है जब स्कूल मेँ एग्जाम होता था? दिमाग का पुर्जा पुर्जा तब जाम होता था। ना रात मेँ
Read Moreरेत के सीने पे हम कुछ यादें उकेर लेते हैं आजकल दोस्त भी हमसे आँखें फेर लेते हैं क्या
Read Moreएक दिन कविता अचानक कवि से बोली, तुम्हारी नीरसता भरी बातें मेरे शब्दों का श्रृंगार बिगाड़ देती हैं कवि ने
Read Moreजीवन की डोरी बंधी तुझसे मोरी तोरा मैं सजना, सजनी तू मोरी मैं वट का छोरा तू भानु की छोरी
Read Moreअंगना वो अंगना छोटा सा अंगना माथे की बिंदिया वो हाथों का कंगना उठे तो वो चमके, झुके तो वो
Read Moreठिठुरती इन हवाओं ने दिखाए रंग सर्दी के सिसकती सी फिजाओं ने सिखाये ढंग सर्दी के काँपती हैं घटायें
Read More