सादगी
बहुत भाती मुझको यह निशा करता प्रतीक्षा कब होगी उषा उनींदी सी जब तू खोलें अपना खिड़की सांसे हमारी वही
Read Moreएक बात जरा तू प्रियवर सुन क्यों मीठी बातें हो गई गुम मन में क्या तेरे है बात बता अब
Read Moreउसकी शादी की खबर ने बुरी तरह से झकझोड़ दिया मुझे. खैर इसमें उसकी कोई गलती तो थी ही नहीं,कभी
Read Moreबचपन की दोस्त वैदेही की शादी ठीक हो गई थी| अब उसे शुभकामना देने उसके घर जाना था, सुबह-सुबह उसके
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