वेलेण्टाइन-डे से बर्थ-डे तक
कबीर बाबा बड़े दूरदर्शी थे। वे जानते थे कि आनेवाले ज़माने में भारत वर्ष का यौवन कुछ करे या करे,
Read Moreकबीर बाबा बड़े दूरदर्शी थे। वे जानते थे कि आनेवाले ज़माने में भारत वर्ष का यौवन कुछ करे या करे,
Read Moreमाँगता तुमसे नहीं मैं, विश्व की निधियाँ पुरानी/ क्या करूँगा प्यार में लेकर, मैं तुमसे इक निशानी/ हो सके तो
Read Moreसाधारण मनुष्य, स्वर्ग-प्राप्ति की कामना जीता और मरता है। हमारी संस्कृति में स्वर्ग तक पहुँचने के अनेक साधन और मार्ग
Read Moreमिले ना कोई नाम, मैं ढूँढा सारे धाम, तुझे पुकारूँ गली-गली मैं, हर सुबह, हर शाम। मन चाहे वीणा कहना,
Read Moreबेईमानी की कोख में, भ्रष्ट पिता के संसर्ग से उत्पन्न नाजायज संतान को “कालाधन” का सम्मान दिया जाता है। सामान्य
Read Moreभारत, एक गरीब देश है। लक्ष्मीपतियों का गरीब देश! भक्तगण यहाँ साल भर लक्ष्मी जी की पूजा सबसे अधिक करते
Read Moreकलम आज जय उनकी बोलो, जिनकी अजब कहानी है, जिनके बलिदानों से पावन , गंग-जमुन का पानी है, कलम आज
Read Moreबनकर प्रलंयकारी ज्वाला , आज जवानों आग लगा दो, बरसों से प्यासी शमशीरों की शोणित से प्यास बुझा दो, कसम
Read Moreमैं बाबुल की बिटिया प्यारी बनकर कुल का नाम करूँगी, कभी ना कर पाया हो जिसने जग में ऐसे काम
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