मुंशी प्रेमचन्द को समर्पित मुक्तक
गोदान ग़बन और रंगभूमि हाँ कर्मभूमि के दाता हो, नारी – जीवन के संघर्षों के तुम ही उद्गाता हो, दीन-हीन
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Read Moreहिंदी साहित्य-धरा पर महाकवि तुलसीदास की महान कृति रामचरितमानस देवलोक से उतरी पुण्य पावनी गङ्गा की निर्मल धारा है। उनके
Read Moreदुरुपयोग शब्द सदुपयोग शब्द का विलोम है, जिसका अर्थ होता है किसी वस्तु का गलत ढंग से किया गया प्रयोग।
Read Moreजानें कैसे हुआ मृत्यु भोज का आरम्भ! मृत्यु भोज एक सामाजिक बुराई है इसके विरोध में तमाम समाज सेवी संस्थाओं
Read Moreसौंदर्य परक दोहे नील कमल से नैन हैं, पलकें पात समान। मधुर अधर मकरन्द हैं, रम्भा रूप समान।1 चन्द्रानन सा
Read Moreचिकित्सकों को समर्पित मुक्तक जिंदगी के सफर में जो हमारा ध्यान रखते हैं खिलाकर गोलियाँ कड़वी खड़े ये कान रखते
Read More“गुरु के सानिध्य में आध्यात्मिक यात्रा आरम्भ करने का दिवस है गुरु पूर्णिमा”- आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को
Read Moreकविता सम्वेदना है..हृदय का प्रस्फुटन है” कविता क्या है? इसे समझना भी आवश्यक है,। मुझसे जुड़े हुए कई लोग ख़ासकर
Read Moreअंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून विशेष “महर्षि पतंजलि के अष्टांग योग के अद्भुत रहस्य और प्रयोग” भारत आध्यात्मिक मूल्यों से
Read Moreदूध की भगौनी (कहानी) ——— लॉक डाउन में ऑफिस बन्द होने के कारण मोना घर पर फुर्सत में ही
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