टूट कर बिखर गया मेरा शहर ”हरसूद”
ये कहानी हमारे शहर हरसूद की हैं बात सन् 2004 की हैं यह वक्त हमारे शहर हरसूद का इंदिरा सागर
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Read Moreमुझ पर हैं महाकाल कृपा महाकाल ने मुझें बचाया हैं पहुँच गया काल के मुँह में काल के मुँह से
Read Moreरुक जाओ ना छोड़ के जाओ अपने बच्चों को अपनी पत्नि को अकेले सात फेरे लिये हैं तुमने अग्नि के
Read Moreतपती धूप में वो ठेला धकाता था नहाने को पानी नहीं था रोज पसीने से नहाता था घर को चलाने
Read Moreसिगरेट स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हैं फिर भी पीते हैं धुँआ उठाते हैं वो भाई मौत से किसे डर लगता
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