इतिहास

खिरकिया

खिरकिया नगर जो ह्रदय की नगरी हरदा से 32 किलो मीटर दूरी पर स्थित है यहाँ बस और ट्रेन के द्वारा आया जा सकता है। खिरकिया हरदा जिले की तहसील है व नगर से 250 गाँव जुड़े है।
मध्यप्रदेश में इसकी जगह एक खिड़की के सामने होने के कारण इस जगह का नाम खिरकिया पड़ा. मैं ज्यादा तो नहीं जानता हूँ इसे यहाँ के लोगो को और कोई मिला ही नहीं जो यहाँ के इतिहास के बारे में बताये जितना भी जाना है स्वयं ने ही जाना है और जो भी इसके बारे में लिख रहा हूँ वह अपनी समझ और निजी ज्ञान के आधार पर लिख रहा हूँ। शायद कभी जान पाऊँ की खिरकिया क्या है जो आज तक समझ में नहीं आया। खिरकिया का कुछ सालो में विकास हुआ है। नगर आधुनिक रूप में विकसित हुआ है नगर में ऊँचाइयों को छूती ईमारते व गरीबो की झोपडी सभी शामिल है। खिरकिया रेल्वे स्टेशन आज वहाँ प्लेटफॉर्म पर स्वच्छता नगर में स्वच्छता व नगर में शांत वातावरण है पर गर्मी के दिनों में जल संकट की स्थितियों का सामना आम जन को करना पड़ता है जो कठिनाइयो भरा होता है पर ये खुशी कि बात है कि जल्द ही खिरकिया के हर घर में नर्मदा का जल आयेगा जल संकट की स्थिति लगभग समाप्त हो जायेगी। पहले सड़के बेहाल थी आज नगर के मुख्य मार्ग सहित पूरे खिरकिया नगर, हर गली मोहल्ले में सी.सी. रोड है नगर में स्ट्रीट लाईट से रात में खिरकिया से छीपाबड़ तक मुख्य मार्ग रोशन होता है। चाँद भी अपनी चांदनी बिखेर देता है। नगर में पुरानी गल्ला मंढी में बालाजी मंदिर है रेल्वे स्टेशन पर संकट मोचन हनुमान मंदिर है। नगर के रेलवे के दूसरी और गांधी चौक है जहाँ का भवन जर्जर व शीर्ण अवस्था में है वहाँ 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराया जाता है। नगर में नगर पंचायत परिषद् है जिसकी वर्तमान अध्यक्ष श्रीमती यशोदा दुर्गादास पाटिल जी है। नगर में शारदीय नवरात्र बहुत ही धूम-धाम से बनाया जाता है जगह-जगह माता रानी को भव्य पंडाल में बैठाया जाता है आकर्षक श्रृंगार किया जाता है जो ग्रामीणजन सहित दूर-दूर के लोगो को लुभाता है। दूर-दूर से इन 9 दिनों में लोग माँ आदिशक्ति जगदम्बा के दर्शन करने के लिये आते है मन में श्रद्धा भाव लिये निस्वार्थ भाव से नगर वासी माँ की सेवा में तत्पर रहते है। 9 दिनों उपवास करते है महिलाये सुबह 4 बजे रात से नगर के शीतला माता मंदिर में जल चढ़ाने जाती है और 9 दिन व्रत रखती है। छोटे-छोटे बच्चों में भी माता रानी के प्रति श्रद्धा भाव देखा जाता है। नवरात्र के इन नौ दिनों में नगर में चार चाँद लग जाते है साक्षात् आदि शक्ति जगदम्बा नगर में विराजमान रहती है अपने भक्तो को दर्शन देती है उनकी मन की मुराद पूरी करती है सबकी झोली भरती है। अष्टमी को विशेष श्रृंगार और विशेष प्रसादी का वितरण किया जाता है। सारा नगर जगमग नजर आता है चारो और माता के जयकारे और भारी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिये आते है अंतिम दिन दशहरा मनाया जाता है हाईस्कूल मैदान में आतिशबाजी के साथ रावण दहन होता है फिर एक बार बुराई पर अच्छाई की जीत होती है व नगर में आदि शक्ति जगदम्बा की विदाई होती है उन्हें विसर्जन करने के लिये गाजे-बाजे के साथ नगर में चल समारोह निकालकर नगर भ्रमण कराया जाता है जगह-जगह चल समारोह का स्वागत होता है। नगरजन द्वारा जगह-जगह स्टॉल लगाये जाते है।नगर में 15 अगस्त और 26 जनवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है नगर की प्रतिभाओ को सम्मानित किया जाता है। स्कूलो में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और मिठाई वितरण किया जाता है। नगर में एकलौता कॉलेज है विष्णु राजोरिया महाविद्यालय जहाँ बी.कॉम, एम कॉम, बी.ए. ,एम.ए. ,बी.बी.ए कम्प्यूटर और प्लेन के कोर्स कराये जाते है। साई मंदिर जिसका निर्माण कार्य चल रहा है जो खिरकिया छीपाबड़ के मध्य में है जहाँ गुरूवार को साई भक्तो का ताता लगता हैं। भारी संख्या में भक्त साई नाथ के दर्शन करते है बाबा की खिचड़ी की प्रसादी और प्रभावी भभूति ग्रहण करते है बाबा से जो भी जुड़ा है उसके जीवन में प्रत्यक्ष बदलाव आया है मेरा अनुभव है मैंने भी देखा है महसूस किया है साईं दर पर जाकर मन को शांति मिलती है अग्नि साक्षी है कि कोई भी साईं के दर से आज तक खाली नही लौटा है। नगर में कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तथा शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय है जहाँ विद्यार्थी 12 वी तक की शिक्षा प्राप्त कर कॉलेज में प्रवेश लेते है नगर तथा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो के विद्यार्थी अधिकतर इंदौर भोपाल में रहकर अपनी आगे की पढाई करते है अगर नगर में ही मॉडल कॉलेज खुल जायेगा तो वह यही पढ़ सकेंगे। मॉडल कॉलेज खुलने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है मॉडल कॉलेज खुलने से आसपास के क्षेत्रो सहित नगर में विद्यार्थी यही शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। खिरकिया में गणगौर महोत्सव भी बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है 9 दिन आसपास सहित दूर दराज के शहरो से आये मंडल भजनों की प्रस्तुति देते व स्वांग रचाते है अंतिम दिन रनु बाई और धनियर राजा का चल समारोह निकाला जाता है। खिरकिया नगर जहाँ से 7 किलोमीटर की दूरी पर चारुवा स्थित प्राचीन गुप्तेश्वर मंदिर है यह मंदिर खुदाई के दौरान प्राप्त हुआ था। मंदिर भव्य और प्राचीन है मंदिर परिसर में राम जानकी मंदिर, हनुमान मंदिर, नर्मदा मंदिर, व कई देवी देवताओ के दर्शन होते है मंदिर परिसर में एक चक्र भी बना हुआ है जिसको पार करना आमजन के बस में नही है। खिरकिया-छीपाबड़ सहित नगर 15 वार्डो में बँटा है 15 वार्डो में आंगनवाड़ी संचालित है जहाँ बच्चों को संस्कार दिये जाते है। नगर में सरकारी हॉस्पिटल, जनपद, तहसील कार्यालय व कुछ दिन पूर्व ही कोर्ट प्रारम्भ हुआ है। नगर में प्रति वर्ष भागवत कथा व राम सत्ता व श्रावण में मंदिरो में 1 माह रामायण पाठ प्रति वर्ष होता है। नगर में प्राचीन शनि मंदिर, जैन मंदिर,अन्नपूर्णा मंदिर, अंधेरिया बाबा, भवानी मंदिर, काली मंदिर, दुर्गा मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, सहित अन्य मंदिर है व वार्ड न. 10 तथा वार्ड न. 3 में मस्जिद है। नगर में गुरुद्वारा है जहाँ सिक्ख समाज के लोग सुबह शाम माथा टेकने व बाहे गुरु जी की अरदास करने जाते है। कुछ वर्षो में नगर का विकास तीव्र गति से हुआ है कई नई कॉलोनीया विकसित हुई है कई नये परिवार नगर में आकर बसे है। नगर के मुख्य मार्ग पर बाजार है जो वंदना चौराहे से मंडी गेट तक मुख्य है और रेल्वे के दूसरी तरफ आधा बाजार है जहाँ से आसपास के ग्रामीण सामान क्रय करते है। नगर के बीचो बीच में बाड़ी मैदान है यहाँ पर किसी समय बाड़ी लगा करती थी नगर स्वच्छ है व प्रगति पर है इससे ज्यादा खुशी की बात खिरकिया नगर के लिये और क्या हो सकती है। खिरकिया में कई पढे लिखे युवा बेरोजगार घूम रहे है प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहे है पर एक अच्छी नोकरी मिल पाना मुश्किल होता है अगर नगर के आसपास कोई उद्योग या कारखाना खुल जाये तो उन्हें रोजगार उपलब्ध हो सकेगा घर से दूर जाने के बजाय वह अपने घर परिवार के साथ रहकर ही जीवनयापन कर सकेंगे। पहले जहाँ संयुक्त परिवार होते थे पर आज कई परिवारो में बँटबारे हो गये है रिश्तों में दरार आई है पर फिर भी नगर में कई परिवार ऐसे है जो एक मिशाल है एक ही छत के नीचे रह रहे है घर में एक ही चूल्हा जलता है मिलजुल कर रहते है। आपस में प्रेम भाव है आदर है। नगर में सुबह और शाम को लोग टहलने जाते है सुबह की सैर का अपना एक अलग ही मजा होता है। नगर के छीपाबड़ के नजदीक तालाब है जिसके सौंदर्यीकरण का कार्य आगामी वर्षो में होने वाला है बारिस के दिनों में यह पूरी तरह भरा जाता है नगर के छीपाबड़ में सेंट जूडस इंग्लिश मीडियम स्कूल है व नगर में इंपीरियल पब्लिक स्कूल भी इंग्लिश मीडियम है। नगर में सभी समाज की अपनी धर्मशालाए है जहाँ से सामजिक कार्यक्रम विवाह आदि संपन्न होता है जिनमे जैन धर्मशाला, माहेश्वरी धर्मशाला, नार्मदीय धर्मशाला, राजपूत धर्मशाला, अग्रवाल भवन, राजपूत छात्रावास, कच्छ कड़वा आदि मुख्य है। यहाँ के लोग प्रकृति प्रेमी है अपने घरो में फुलबारी लगाते है बाग़ बगीचा हर घर में होता है। हर घर के आँगन में तुलसी देखी जा सकती है यहाँ की नारी शक्ति व्रत उपवास करती है व करवा चौथ पर निर्जला व्रत रखती है अपने पति की लंबी आयु की कामना करती है। खिरकिया नगर की छवि निराली है खिरकिया नगर के लिये अपने दिल से कलम चलाई एक प्रयास है जिन्दगी में कुछ करने का मेरा यकीन और कोशिश ही मुझे सफलता देंगे और मैं अपनी कर्म भूमि खिरकिया नगर का नाम एक दिन रोशन करूँगा यही अभिलाषा है।

शिवेश हरसूदी

खिरकिया, जिला हरदा (म.प्र.) मो. 8109087918, 7999030310