मन मयुर
तन मन मेरा भीग गया था जब नभ से वर्षा आई थी तुम याद हमें आई थी सनम जब सावन
Read Moreमौसम ने ले ली है अंगड़ाई पलाश की गुँचे डाली पे आई गरमी ने हल्का दस्तक लगाई जाड़े की कर
Read Moreगगन का पट खुल गया सारा लुप्त हुआ आसमान से तारा सूरज की किरण ले है आई जगमग रोशनी जग
Read Moreजिन्दा है जब आशा की काया निराशा की सूरत पे मातम छाया चेहरे की रौनक लौट कर है आई जीने
Read Moreभोर का सूरज लेकर आता है नई उमंग व नई ताजगी तन मन को नई ऊर्जा देता कर
Read Moreइस दिल को कैसे समझाऊँ प्यार तुमसे है दिल कर बैठा रात दिन तेरी यादों में अपनी जिन्दगी पर दाव
Read Moreतुम बिन सूना सूना जग सारा तुम बिन सूना जीवन हमारा याद तेरी रात दिन आती है आते जाते
Read Moreतेरी खामोश नजरों को कैसे मैं समझाऊँ प्रिये मैं बेबस लाचार यहॉ हूँ कैसे मिलन को आऊँ प्रिये जब तक
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