गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 03/01/2023 ग़ज़ल टपक रहा है प्यार तुम्हारी आंखों में। फैला यह संसार तुम्हारी आंखों में। दुनिया भर की रंगीनी के क्या कहने, Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 21/12/2022 ग़ज़ल मन -उपवन में फैली खुशबू उस खुशबू को प्यार मुबारक। खिले -खिले यौवन की खुशबू उस खुशबू को प्यार मुबारक। Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 06/10/2022 ग़ज़ल समय के साथ चलते तुम मुस्कुराना भूल जाती हो। मोहब्बत करके तुम उसको जताना भूल जाती हो। हवा में बात Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 04/09/2022 ग़ज़ल गुल ही गुल है खार निभा थोड़ा सा किरदार निभा। तंग गली में चलना सीख तब विस्तृत संसार निभा। मिलना-जुलना Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 22/07/2022 ग़ज़ल बोयेगा तू दर्द ज़माना, आंसू-आंसू रोयेगा। अब तक जितना पाया था, सब धीरे-धीरे खोयेगा। भूख मिटाने खातिर बच्चा, कुछ खाकर ही सोयेगा। हुई Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 17/06/2022 ग़ज़ल सच कहता हूं यार नहीं कर पाऊंगा। आंखों-आंखों प्यार नहीं कर पाऊंगा। चेहरा देखूं,दिल देखूं या बदन तुम्हारा, इतना तो Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 06/02/2022 ग़ज़ल नींद से जागना, जागकर देखना जिंदगी से न तुम भागकर देखना। मैं तुम्हें याद आऊं न आऊं कभी तीरगी में Read More