गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 04/09/2022 ग़ज़ल गुल ही गुल है खार निभा थोड़ा सा किरदार निभा। तंग गली में चलना सीख तब विस्तृत संसार निभा। मिलना-जुलना Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 22/07/2022 ग़ज़ल बोयेगा तू दर्द ज़माना, आंसू-आंसू रोयेगा। अब तक जितना पाया था, सब धीरे-धीरे खोयेगा। भूख मिटाने खातिर बच्चा, कुछ खाकर ही सोयेगा। हुई Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 17/06/2022 ग़ज़ल सच कहता हूं यार नहीं कर पाऊंगा। आंखों-आंखों प्यार नहीं कर पाऊंगा। चेहरा देखूं,दिल देखूं या बदन तुम्हारा, इतना तो Read More
गीतिका/ग़ज़ल वाई. वेद प्रकाश 06/02/2022 ग़ज़ल नींद से जागना, जागकर देखना जिंदगी से न तुम भागकर देखना। मैं तुम्हें याद आऊं न आऊं कभी तीरगी में Read More