कविता

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आज का फैशन

आज के लड़िका फैशन मैहा कतनेव रंग दिखावत है पान सुपारी मुहिमा राखे डैलिया हस मुह फैलावत है कोई रगड़ के चुना रगड़े कोई साजन पुकार खात है बस एक रुपैया मैहा नरक कै टिकट कटावत है बार रखावत ऐसे की जय सय नाचत गावत है टी बी पिक्चर छुटै नहीं  पूरा ध्यान लगावत है पढे लिखय का बप्पा कहि दियय फुनुक फुनुक कै रोवत है आज के लड़िका फैशन मैहा कतनेव रंग दिखावत है

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कविता

प्यारी-प्यारी-प्यारी बेटियां

अखियों का नूर होती हैं प्यारी-प्यारी-प्यारी बेटियां दिल का सुरूर होती हैं प्यारी-प्यारी-प्यारी बेटियां अगर उसको अच्छे-से संस्कार दिए जाएं

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कविता

भारत माँ के वीर सपूत

बर्फ़ीली तूफ़ानों में लड़ता रहा रणधीर सर्पीली ग्लेशियर में लड़ा बहादुर वीर लड़ा बहादुर वीर बढ़ाया मान देश का शौर्य

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