गरीबी
गरीबी की आज तड़प कौन जाने इन्हें देखकर कौन आज पहचाने सड़को पर अपनी ये बस्ती बनाये हैं खुले आसमानों
Read Moreकतार में बढ़े चलो नई मुद्रा तुम्हें पुकारती भारतीयों का साथ दो बढ़े चलो बड़े चलो चोला बदल गया सिर्फ
Read Moreमंद मुस्कान पाक मन ईशवर का रूप करते दूर हर शिकन ! न भय बन्धनों का न कोई जिम्मेवारी कागज
Read Moreटूटे मर्यादा… दिन – रैना क्यों “रामा” अब तेरे देश में ! रिश्तों में धोखा… इंसा दे रहा आदमी के
Read Moreहौसले सारे मिट जाऐंगे किश्तों में वो बात ही जब ना रह जाऐगी रिश्तों में पतझड़ को अब, तू बहार
Read Moreजीवन कठिन पहेली थी पर फिर भी कठिन नही थी जीवन की सच्चाई उससे फिर भी कठिन नही थी जिस
Read Moreआज सुदामा आए हैं, देख कृष्ण हर्षाए हैं, गले मिले वे अपने मित्र से, नैन नीर भर आए हैं.
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