किताबें
अलमारी के किसी कोने में खामोश पड़ी किताबें रंग बिरंगी और कुछ सादा सी अपने आप में पूरी एक दुनिया
Read Moreरोशनी अब भी बनके उम्मीद बिछी है दर के उस पार पर गुमसुम से तेरे सरगम और साज है अब
Read Moreकाले धन के गद्दारों की दो कौड़ी की हस्ती होगी दिसंबर के बाद जब उनपे बड़ी सख्ती होगी बेनामी सम्पत्ति
Read Moreसुन मेरे पड़ोसी————पाकिस्तान सुन ले भारत की——– आखिरी तान सेना की तोप अगर घुम गई तेरी तरफ बन जायेगा तेरे
Read Moreअधूरा प्यार ••••••••••• पलकों को पलकों से ख्वाबों में रोज सजाया। अक्सर तनहाईं के यादों में हर वक्त बिताया। पलभर
Read Moreजिंदगी एक पहेली सी है जितना सुलझाओ उतना ही उलझती जाती है कब किस मोड़ पर एक चुनौती बनकर सामने
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