कविता
– तुलसी हमको बचपन से प्यारी तुलसी इस युग में है अवतारी तुलसी हर घर जन लगी दुलारी तुलसी |
Read Moreबनो निरंकुश मोदीजी दुष्ट स्वजन पर वार करो, मानवता नहीं होगी कलंकित असुरों का संहार करो। खीझ रहे जो खीझने
Read Moreहर दिल में अजब सी एक प्यास है हर दिल में कोई न कोई राज है सब चल रहे कांटो
Read Moreआसमान में उड़ने वालो आसमान में ठिकाना नहीं होता आसमान में आशियाना नहीं होता आसमान होता ही कहाँ है ??
Read Moreतिनकों को जोड़कर बना घोंसला हमारा इस प्यारे से घोंसले में । अभी-अभी जन्मी हूँ। सुकोमल नरम सी नन्हें से
Read Moreचमकते कल के लिए आज झरो न बरखा मेरे जीवन में मेघ उड़ते हुए घिरे आ रहे हैं इनमे न
Read Moreचाँद कहता है मुझसे आदमी क्या अनोखा जीव है उलझन खुद पैदा करता है फिर न सोता है, और मुझसे
Read Moreमापनी- 2212 122, 2122 122 जब गीत मीत गाए, मन काग बोल भाए विरहन बनी हूँ सखियाँ, जीय मोर डोल
Read Moreकविता – कलम की मार से मचा हाहाकार सबकी अपनी सोच है,सबका अपना मन। लगती हो लगे बुरी,पर हम लिखते
Read More