लघुकथा – प्रतीक्षा
सांझ हो चली थी,अंधेरों की काली छाया धीरे-धीरे अपना पाँव पसार रही थी,पंछियाँ अपने घोसलों को लौट रही थीं। मंदिरों
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Read Moreबेहद थके उदास कदमों से घर लौटे अब्दुल मुंह लटकाकर बैठ गए।सुबकते हुए सकीना उनकी ओर गिलास बढ़ाकर बोली-थोड़ा सा
Read Moreआभासी संवाद का सिलसिला पहली मुलाकात तक आ पहुंचा।जब रितेश और करुणा पहली बार मिले थे। यूं तो दोनों के
Read Moreबिल्कुल सरल स्वभाव , छोटा कद, सरलता की मूरत और मधुरता का रस लेकिन जब वह बोलती तो उसका व्यवहार
Read Moreजुलाई का महीना आते ही स्कूल के दिन याद आने लगते हैं, मैं उन दिनों बहुत उत्साहित रहती थी ।
Read Moreकुछ दिनों से लगातार बारिश है रही है। नदी नाले सब उफान पर हैं। सभी अपने अपने स्तर पर बारिश
Read Moreस्कूल की जिंदगी की कहानी कुछ और होती है, कुछ कहानी दूर तक सफर तय करती है तो कुछ सिमट
Read Moreखैरी गैया की आँख से बहते आँसू देख अचानक से बासु चौंक उठा था। तत्काल उसे समझ में नहीं आया
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