स्मृति के पंख – 3
यात्रा बहुत अच्छी रही। अब हम घर वापिस पहुँच गए। कुछ दिन दुकान को बनाने संवारने में लगे। फिर से
Read Moreयात्रा बहुत अच्छी रही। अब हम घर वापिस पहुँच गए। कुछ दिन दुकान को बनाने संवारने में लगे। फिर से
Read Moreजापान में पहली बार मैं रेल में तब चढ़ा जब हमें तुकूबा जाना था। करीब 11 बजे हम रेलवे स्टेशन
Read Moreपूजनीय पिताजी का नियम था सुबह तीन बजे उठना, नजदीक ही गाँव में नदी थी, वहाँ स्नान करने जाना, वहाँ
Read Moreएन.टी.टी. की विलक्षण खोजें देखकर ही हमने बस नहीं की, बल्कि अभी और भी चमत्कार देखने थे। उसी का एक
Read Moreमाँ सरस्वती देवी को बारम्बार प्रणाम करता हूँ। माँ ! मुझे बुद्धि और शक्ति दे ताकि मैं अपनी जीवन गाथा
Read Moreबस ने हमें वहाँ उतारा जहाँ ‘डाटा शो’ नामक प्रदर्शनी लगी थी। उस दिन प्रदर्शनी का उद्घाटन था, जो 10
Read Moreश्री हिरानो के निर्देशों के अनुसार मुझे वहाँ से बस में टोकियो सिटी एअर टर्मिनल जाना था। 2500 येन में
Read Moreअगले दिन (19 अक्टूबर को) मैं टैक्सी से दिल्ली गया, क्योंकि कुतुब एक्सप्रेस 2-3 घंटे लेट थी। 11 बजे पहुंचा
Read Moreअब मैं परिणाम का इन्तजार करने लगा। विज्ञापन में उल्लेख था कि सितम्बर के अन्तिम सप्ताह में उन लोगों को
Read Moreमेरी पहली विदेश यात्रा (जापान यात्रा) कम्प्यूटर मेरा प्रिय विषय है। यह वास्तव में गणित की ही एक विकसित शाखा
Read More