संस्मरण
यूँ तो बात बहुत पुरानी है पर है पते की। 1970 के दशक का दौर था मेरे अनुज की शादी
Read Moreपिंकी की मैरेज रजिस्ट्रेशन से एक दिन पहले बहुत काम था और पिछले एपिसोड में मैं इस का वर्णन कर
Read Moreकिसी कपड़े की क्या कीमत हो सकती है इसका अंदाज़ा लगाना नामुमकिन है। विशेषकर हमारे यहाँ; जहाँ हर तबके के
Read Moreऑपरेशन के बाद मैं ठीक तो हो गिया था और पहले जैसा जो कुछ खींच सा होता था, अब बिलकुल
Read More“वार्ता” सूरज- कैसी हो चाँद, आज दिन में कैसे????? चंदा- गर्मी,, बहुत गर्मी चढ़ी है तुमको, खूब तपा तो
Read Moreमैं प्रायः हर तीन दिन में एक लेख लिखकर अपने ब्लॉग में भेज देता था और वह लाइव हो जाता
Read Moreसुरिंदर की शादी के दौरान मेरी नाभि के नीचे दाईं ओर दर्द होना शुरू हो गया था लेकिन मैंने कोई
Read Moreअभी आधा रास्ता बाकी था मगर अब कालूराम से रहा नहीं गया। उनके भूख से कुलबुलाते दिमाग के सब दरवाजे
Read More