वचन
लघुकथा वचन “भाई साहब, हमें आपकी बेटी पसंद है। यदि आपको ऐतराज न हो, तो हम पंडित जी से सगाई की
Read Moreअद्भुत नजारा था. बेटी अटैची सहित पिता के द्वार पर खड़ी थी. पिता बिना बताए, अचानक ससुराल से नाराज होकर
Read More“वाह क्या खुशबू आ रही है, क्या बन रहा है भाभी जी?” अंदर घुसते ही सोहन ने लंबी सांस लेते
Read Moreहिसाब-किताब शादी के बाद पहली बार मायके आई रश्मि से उसकी दादी ने पूछा, “बेटा इस महिने सेलरी के पैसे दामाद
Read Moreसाक्षात्कार “यदि आपकी मासिक आय 1 लाख रुपए है और आपका टोटल खर्च 70 हजार रुपए है, तो महीने के
Read Moreप्रत्युपकार “यार रमेश, तुम डॉक्टर साहब के यहाँ एक कंपाउंडर हो, सर्वेंट नहीं, फिर भी मैं देखता हूँ कि तुम
Read Moreसांझ हो चली थी,अंधेरों की काली छाया धीरे-धीरे अपना पाँव पसार रही थी,पंछियाँ अपने घोसलों को लौट रही थीं। मंदिरों
Read Moreबेहद थके उदास कदमों से घर लौटे अब्दुल मुंह लटकाकर बैठ गए।सुबकते हुए सकीना उनकी ओर गिलास बढ़ाकर बोली-थोड़ा सा
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