लहरों जैसा है जीवन
शांता का पूरा जीवन सीधी रेखाएं खीचकर कलाकृतियाँ बनाते हुए बीत गया। वेंटिलेटर पर अंतिम सांसें लेते हुए उसे एक
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Read More“सर इस पुरानी किताब को आप क्यों बँधवाना चाहते हैं?” दुकानदार शौकत अली ने कहा।दुकानदार से प्रोफेसर राय की दोस्ती
Read More‘दर्द से तड़पती हुई एक बुढ़ी अम्मा सरकारी अस्पताल के एक पलंग पर बिमारी के कारण जोर जोर से चिल्ला
Read Moreरोमा जब से शादी होकर आई है तब से हर सर्दी में अपने पति रोहण को इन्हीं दो स्वेटरों में
Read More” बेटा , कथरीसाज आया है । पुरानी साड़ियाँ जो निकाली थीं लेकर आना जरा।” मेरी माँ बुला रहीं थी
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