उज्ज्वलता
उज्ज्वल का मानना था- “दिया ज़रुर जलाऊंगा चाहे मुझे ईश्वर मिले न मिले,हो सकता है दीपक की रोशनी से कोई
Read More“ये अंधेरा और इतनी उदासी किसलिए?” प्रकाश ने घर में आते ही ट्यूब लाइट ऑन करते ही किरण का मुरझाया
Read Moreचतुर लाल जी पेशे से टीचर हैं। बीए, एमए, बी एड सब कर रखा है। फस्ट क्लास में। एमए गोल्ड
Read Moreरेस का घोड़ा“””””””“हेलो सर!”“हलो…।”“क्या मेरी बात डॉ. शर्मा जी से हो रही है।”“हाँ जी, बोल रहा हूँ। पर आप…”“काँग्राचुलेशन्स सर।
Read Moreजिंदा होने का सबूत “नमस्ते मैनेजर साहब।”“नमस्ते अंकल जी। कैसे हैं आप ?”“बढ़िया हूँ बेटा।”“कैसे आना हुआ आज अंकल जी
Read Moreबच्चा सिर्फ बच्चा होता है मालती अपने आठ वर्षीय पोते को लेकर मालिक के घर झाड़ू-पोंछा करने आई थी। बच्चा
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