लघु कथा – शान्ति का रसास्वादन
चेतना आज बहुत खुश है, परन्तु उसका दिमाग़ भी ख़लबली मचाए हुए है| लगभग बाईस वर्षों बाद उसके सास-ससुर उसके
Read Moreचेतना आज बहुत खुश है, परन्तु उसका दिमाग़ भी ख़लबली मचाए हुए है| लगभग बाईस वर्षों बाद उसके सास-ससुर उसके
Read More“आप अपनी माँ को समझाते क्यों नहीं ,बुढा़पे में भी मियां बीवी प्रेमी युगल की तरह घूमने का कार्यक्रम बना
Read Moreदेर रात फोन करके पूछा -“ क्या कर रही हो जिज्जी ”? पार्वती ने जवाब दिया -“ बखरी में खटोली
Read Moreदो प्रेमी युगल एक पत्रकार युवती,दूसरा फोटोग्राफर युवक सर्द रात के नौ बजे किसी मंदिर की घंटी से खनक रहे
Read Moreआज बेटी हास्टल नही पहुंची, माँ और पापा का दिल किसी अनजान घटना की आशंका से जोरों से धडक रहा था,
Read Moreआज सुबह- सुबह मेरे प्रिय झिनकू भैया का गाँव से फ़ोन आया, स्क्रीन पर उनका नाम उभरा और मेरी बांछे
Read More‘सुनती हो!’ ‘हाँ कहो!… क्या बात है?’ ‘लगता है मेरी चप्पलें घिस गयी हैं| अभी-अभी बाथरूम में फिसलते-फिसलते बचा हूँ|’ ‘शाम
Read Moreसंजय बहुत देर से सड़क किनारे खड़ा किसी सवारी गाड़ी या वाहन के आने इंतज़ार कर रहा था| जून की
Read More“क्या मैं आपको आगे कहीं छोड़ सकता हूँ?” उसने कार ठीक उसके करीब रोकते हुए मीठी आवाज में कहा। फ्लाईओवर
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