माँ
एक गांव में एक किसान दम्पति रहता था। तमाम दरिद्रता के बावजूद वे गँवई जीवन शैली में मस्त रहते थे
Read Moreपंडित आज्ञाराम के बेटे और बहू अपने पांच वर्षीय पुत्र दीपू के साथ मेले में घुम रहे थे । बहू
Read More(1) आत्मग्लानि वह दिन भर की आवारागर्दी के बाद घर लौटा, तो उसने पाया कि उसकी छोटी बहन कलप-कलपकर रो
Read Moreपिंकी बर्तन पकड़े चुपचाप अपनी अम्मा के पीछे चल रही थी। आज फिर पानी लाने के चक्कर में उसका स्कूल
Read Moreआज हरिया जेल में बैठा-बैठा प्लास्टिक की निवाड़ से टोकरियां बना रहा था. कल पत्थर तोड़ने का काम मिला था,
Read More“रामदीन जी, क्या हो रहा है |” कुछ नहीं कृष्ण दास जी, लड़के को कंपनी दोगुना पॅकेज का आँफर देकर
Read More“तुमने इस स्कूव में दाखिला क्यों लिया। यहाँ पढ़ाई नहीं होती है।” राजेश ने अपने चचेरे भाई विपिन से कहा।
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