भूख –
“तू फिर आ गयी!! कहती थी मुनेश का कोई नहीं है जो तुझे निकलेगा| बहुत प्यार से रखेगा तुझे !
Read Moreउस को कहना पड़ा, “ सर ! मैं ने उन्हें समय पर डेटाबेस दे दिया था. आप के कहने पर
Read Moreमांगेलाल के बहुत मांगने पर भी उन्हें पुत्र-रत्न की प्राप्ति नहीं हो सकी थी. इसका मलाल होते हुए भी, उन्होंने
Read Moreलघुकथा “अरे शालू दीदी, आप! विनी की शादी के बाद तो शक्ल ही नहीं दिखाई, माँ आपको बहुत याद करती
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