रिश्तों की मर्यादा
सावन का महीना था। इंद्रदेव अपने पूरे वेग से बरस रहे थे। सूरज देवता तो जैसे आज निकलना ही भूल
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Read Moreसर्दी का मौसम ! कानो को सन्न करती सर्द हवाएं !! अति शीतल जल ! एक दुसरे का दामन छोड़ने
Read Moreहरबिलास और बहादुर की दोस्ती तो बचपन से ही गहरी थी लेकिन उनके विचारों में जमीन आसमान का अंतर था।
Read More“माँ… ओ री माँ… भिखारी किसे कहते हैं?” रज़िया पटरी के किनारे पर बैठकर इधर-उधर चलती गाड़ियों की ओर देख
Read More“चाचा जी नमस्ते ” गोलू उर्फ़ ज्ञानप्रकाश ने पन्नालाल लाल के कार से उतरते ही नमस्ते कहता हुआ पैर छुए
Read Moreतकरीबन 15 रोज हो गए हमारे बीच कोई बातचीत नहीं हुई, यूँ तो ज़िंदगी ऊपर से बिलकुल सहज है मगर
Read Moreमैं दोपहर में नहीं सोती, क्यों कि सोने के लिए रात काफी होती है! अगर कभी मैं दिन में सो
Read Moreयह मेरी पहली नौकरी है. नौकरी के साथ साथ ६ महीने की इंटर्नशिप करनी है. मेरे साथ दस बारह लडकियां
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