कथा – जहां चाह, वहां राह
बिल्कुल सरल स्वभाव , छोटा कद, सरलता की मूरत और मधुरता का रस लेकिन जब वह बोलती तो उसका व्यवहार
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Read Moreस्कूल की जिंदगी की कहानी कुछ और होती है, कुछ कहानी दूर तक सफर तय करती है तो कुछ सिमट
Read Moreखैरी गैया की आँख से बहते आँसू देख अचानक से बासु चौंक उठा था। तत्काल उसे समझ में नहीं आया
Read Moreकौशल्या का घर परिवार बगीचे की तरह था जिसमें फल फूलों से लदे पेड़ थे और बगीचे में बहार ही
Read Moreरोते-रोते नेहा का बुरा हाल था। वह स्वयं भी नहीं समझ पा रही थी कि आज उसे इतना रोना क्यों
Read Moreहोटल से निकलते ही ओटो रिक्शा मिल गया। रिक्शे वाले ने अपने आप ही मेरे पास आकर ओटो रोक लिया
Read Moreरात के दो बज रहे हैं पर मुझे नींद नहीं आ रही है। मन बहुत उदास है। एक बार पलट
Read Moreनमस्ते, आंटी जी…कैसी हो नीतिका …सब्जी की रेहड़ी पर मोहल्ले की सभी औरतें इकट्ठा हो जाती और सब्जी लेने के
Read Moreमुरादाबाद जंक्शन का वातानुकूलित उच्च श्रेणी प्रतीक्षालय सामान्य रूप से भरा था। न तो बहुत अधिक भीड़ थी कि नवीन
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